वार्षिक राशिफल (वृश्चिक राशि)

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इस वर्ष 22 अप्रैल को गुरू मेष राशि में षष्ठ भाव में, 17 जनवरी को शनि कुम्भ राशि में चतुर्थ भाव में और 22 नवम्बर को राहु मीन राशि में पंचम भाव में प्रवेश करेंगे। वक्री मंगल 13 जनवरी को मार्गी हो जाएंगे और पूरे वर्ष सरल गति से गोचर करेंगे। 4 अगस्त से 18 अगस्त तक शुक्र अस्त रहेंगे।

कार्य व्यवसाय़

व्यवसाय की दृष्टि से यह वर्ष सामान्य फलदायक रहेगा। वर्षारम्भ में कार्य व्यवसाय से अच्छा लाभ प्राप्त होगा। अपने व्यापार में सफलता प्राप्ति के लिए आप लगातार प्रयास करेंगे। जिसमॆं आपको सफलता भी मिलेगी। 22 अप्रैल के बाद आप के व्यवसाय में उन्नति का योग तो बन रहा है परन्तु आप कुछ नया करने जा रहे हैं तो उस क्षेत्र से जुड़े अनुभवी लोगों की सलाह जरूर लें। इस समय के अंतराल में किसी के साथ मिलकर व्यापार करना अच्छा नहीं रहेगा। नौकरी करने वाले व्यक्तियों को मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

धन सम्पत्ति

आर्थिक दृष्टि से वर्ष का प्रारम्भ अनुकूल रहेगा। एकादश स्थान पर गुरू ग्रह की दृष्टि प्रभाव से धनागम में निरन्तरता बनी रहेगी। परन्तु आपको शीघ्र पैसा कमाने वाले तरीको पर अंकुश लगाना होगा। जोखिम भरे कार्य में निवेश करने से बचें अन्यथा आपको हानि हो सकती है। परिवार के किसी सदस्य या माता की बीमारी में भी आपकेधन का व्यय हो सकता है। आप किसी को उधार पैसा न दें नहीं तो वापसी की उम्मीद कम है और अपने निरर्थक खर्चों पर भी अंकुश लगाएं।

परिवार एवं समाज

पारिवारिक दृष्टिकोण से यह वर्ष मिला-जुला रहेगा। वर्षारम्भ में अधिक व्यस्तता के कारण परिजनों को अधिक समय नहीं दे पाएंगे। पंचमस्थ गुरू के प्रभाव से नवविवाहित व्यक्तियो को संतान सुख की प्राप्ति होगी। आपके बड़े भाइयों का सहयोग प्राप्त होगा। 22 अप्रैल के बाद आपके परिवार में सामान्य स्थिति बने रहने के योग हैं परन्तुपरिवार में किसी के साथ आपका वैचारिक मतभेद भी हो सकता है। अतः तनावग्रस्त रहने की अपेक्षाअपने अंदर प्रतिरोधात्मक शक्ति विकसित करनी चाहिए।

संतान

संतान के लिए वर्ष का प्रारम्भ अनुकूल रहेगा। पंचमस्थ गुरुके प्रभाव से आपके बच्चों की शिक्षा के प्रति रूचि बढ़ेगी। यदि उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं तो अच्छे संस्थान में प्रवेश हो जाएगा। आपके बच्चों की उन्नति होगी। यदि वह विवाह के योग्य है, तो उनका विवाह संस्कार भी हो जाएगा। 22 अप्रैल के बाद समय थोड़ा प्रभावित हो रहा है परन्तु उनके व्यावसायिक जीवन व आर्थिक क्षेत्र में समस्याएं आने की सम्भावनाएं कम है यद्यपि व्ययाधिक्य बना रहेगा।

स्वास्थ्य

स्वास्थ्य की दृष्टि से वर्ष का प्रारम्भ अनुकूल रहेगा। लग्न स्थान पर गुरू एवं शनि केसंयुक्त दृष्टि प्रभाव से आप मानसिक रूप से सन्तुष्ट एवं शारीरिक रूप से स्वस्थ्य रहेंगे। आपकी सकारात्मक ऊर्जा की वृद्धि होगी। आपकी रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ेगी। 22 अप्रैल के बाद गुरू ग्रह का गोचर प्रतिकूल होने के कारण आपका स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है। षष्ठ स्थान का गुरुअग्नि तत्व राशि में होने के कारण पाचन तन्त्र या पेट संबंधित परेशानी दे सकता है। अतः उस समय घी या तली हुर्इ वस्तु का सेवन कम करें।

करियर एवं प्रतियोगी परीक्षा

प्रतियोगिता परीक्षा के लिए यह वर्ष अनुकूल रहेगा। विद्यार्थियों के लिए वर्ष का प्रारम्भ बहुत उत्तम रहेगा। पंचम स्थान का गुरू उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को अच्छे संस्थान में प्रवेश करा सकता है। गुरू ग्रह के गोचर के बाद षष्ठस्थ गुरू एवं राहु पर शनि के दृष्टि प्रभाव से आपको प्रतियोगिता परीक्षा में सफलता प्राप्त हो सकती है। आपके शत्रु पराजित होंगे। नौकरी मिल सकती है।

यात्रा

यात्रा की दृष्टि से यह वर्ष सामान्य रहेगा। वर्ष के प्रारम्भ में नवम स्थान पर गुरू की दृष्टि प्रभाव से आप लम्बी यात्रा करेंगे। द्वादश स्थान पर राहु ग्रह के दृष्टि प्रभाव से आप इस वर्ष विदेश यात्रा भी करेंगे। विदेश जाकर उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों के लिए 22 अप्रैल के बाद समय बहुत अनुकूल है।

धर्म कार्य एवं ग्रह शान्ति

वर्ष के प्रारम्भ में र्इश्वर भक्ति तथा मन्त्र जप आदि क्रियाओं से वर्ष का श्री गणेश होगा और नियमित रूप से प्रतिदिन पूजा-पाठ चलता रहेगा। ऐसा करने से मानसिक तनाव भी कम होगा। • प्रत्येक दिन हनुमान चालीसा का पाठ करें या मंगलवार के दिन हनुमान जी को चोला चढाएं। • माता-पिता, गुरु, साधू, संन्यासी और अपने से बड़े लोगों का आशीर्वाद प्राप्त करें। • मंदिर या धार्मिक स्थानों पर केला या बेसन के लड्डू का वितरण करें।

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वृश्चिक राशि के सामान्य गुण

भौतिक लक्षण वृश्चिक राशि

मध्यम कद, सुडौल शरीर और अंग, चौड़ा चेहरा, घुंघराले बाल, श्याम वर्ण, उन्नत ठोड़ी।

अन्य गुण :

स्पष्टवादी, निडर, रूखा व्यवहार। उत्तम मस्तिष्क, बुद्धिमान, इच्छाशक्ति से युक्त। शब्दों का उत्तम चुनाव करते हैं। अन्य लोगों के मामलों में दखल नहीं देते हैं। अक्सर तानाशाह होते हैं, कभी थकान नहीं होती। जब तक आश्वस्त न हो जाएं कि उनका विषय का ज्ञान सर्वोच्च कोटि का है, मुह नहीं खोलते। वार्तालाप और लेखन में दक्ष होते हैं, अपने बुद्धिबल के सहारे रहते हैं। उच्चकोटि की प्रशासनिक क्षमता और आत्मविश्वास से युक्त होते हैं। गुप्त रूप से अपराध करने में सक्षम होते हैं। परिश्रम और साहस के बल पर धनार्जन करते हैं। स्वयं के बल पर सफल होते हैं। सामाजिक आंदोलनों में सक्रिय होते हैं। समाज में सलाहकार/नेता बनते हैं। सेना और पुलिस में सफलतापूर्वक कार्य करते हैं, इनके बहुत से शत्रु होते हैं। मौलिक अनुसंधान में चतुर होते हैं। अकेले रहकर बेहतर कार्य करते हैं। मैदान के खेलों के शौकीन होते हैं। संगीत, कला, नृत्य आदि में प्रवीण होते हैं। पराविद्या में रूचि होती है। काम-वासना अधिक होती है, साथी को पशु की तरह प्रयोग करते हैं।

संभाव्य रोग वृश्चिक राशि :

गुप्त रोग, प्रोस्टेंट ग्रंथि, पित्ताशय आदि के रोग आयु के 29 से 45 वर्ष सौभाग्यशाली होते हैं। 62 से 71 वर्ष की आयु में गंभीर व्याधि होती है या ऑपरेशन होता है।

अशुभ वर्ष वृश्चिक राशि :

11, 28, 38, 52, 62

छेद या बिल वाला स्थान, विष, शीर्षोदय राशि, चौड़ी, फैली हुई आंखें तथा छाती। बाल्यावस्था में बीमार, क्रूर कामों में रुचि, साहसी, सहनशक्ति, प्रबन्धक, स्त्री राशि होती है।

वृश्चिक राशि के उपयुक्त व्यवसाय

सेना, रक्षा, रेलवे, दूरसंचार, नौसेना, बीमा, चिकित्सा, मैकेनिकल और मशीनरी

वृश्चिक राशि की मित्र राशि

कर्क, सिंह, धनु, मीन, मेष राशि

वृश्चिक राशि का तत्व

पानी

वृश्चिक राशि का संबद्ध चक्र

मणिपुर

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